इक अरसे बाद बच्चे अकेले नहीं रहते हैं। जरूरतें साथ साथ चलती हैं, फिक्रमंद हो जाते हैं, बाप की कमाई के लिए, मां की दवाई के लिए, छोटे की पढ़ाई के लिए, इक अरसे बाद बच्चे डरना भूल जाते हैं। अकेले चलना सीख जाते हैं, हालातों में ढलना सीख जाते हैं, गिरने पर चोट नहीं लगती, अंधेरों में नींद नहीं खुलती, खाली पेट भूख नहीं लगती, एक अरसे बाद बच्चे खुद बच्चे नहीं रहते हैं। अपनी कोई ख्वाइश नहीं रहती, किसी से कोई फरमाइश नहीं रहती, रोने पे आंसू नहीं आते हैं, सुबह का खाना शाम को खाते हैं, दर्द सारे एक मौन में छुपाते हैं, इक अरसे बाद बच्चे अकेले नहीं रहते हैं। इक अरसे बाद बच्चे डरना भूल जाते हैं। एक अरसे बाद बच्चे खुद बच्चे नहीं रहते हैं। #मोनिका वर्मा 03.12.2023 ©Monika verma #Responsibility #experience #child #Expectations