कभी भी वो बनने की कोशिश ना करो जो आप हो ही नहीं दूसरों से रिश्ता बनाने से पहले न ख़ुद से सच्चा रिश्ता बनाना पड़ता है रात के अंधरे में वो आहिस्ता आहिस्ता आँखों से ओझल हो रहा था ऐसा लगा मानो उगते इश्क़ के सुर्ख़ आग में बस ख़ुद को खो ही रहे थें की दोस्ती ने शाम की ठहराव की तरह कहीं संभाल लिया.. | Friendship is such a beautiful feeling. Isn't it? ©akshat tripathi #mypoetry #zindgiii #kavitachallenge #hindikavita #poetrylovers #friends #Friendship #brothersday