दर्द अपना किसी को सुना ना सकी वो लड़की कभी मुस्कुरा ना सकी हाल-ए-दिल बयां करती तो कैसे जो अपनों को कभी रुला ना सकी तन्हाई में छुप - छुपकर रोती रही पर आंसू किसी को दिखा ना सकी ससुराल की रंजिशो से जूझती रही क्या क्या हुआ साथ बता ना सकी घुटन से अच्छी उसको मौत लगी अपनों को कभी आजमा ना सकी उसका दर्द क्या लिखेगा 'ओजस' जिस खुद्दार को मौत डरा ना सकी ©Rajesh Rajawat Ozas एक दुखद घटना Shira Suman Zaniyan RJ_Keshvi