कुछ नहीं,पर हूं मैं बहुत कुछ तुम्हें रास आए,न आए ग़म है कहीं,पर हूं मैं बहुत खुश ये खुशी कोई पाए,न पाए साधारण हूं,पर बहुत खास भी सपने छोटे सही,पर मामुली नहीं दूर की सोचूं,पर सोचूं पास भी तूफा का इंतजार है, हवा अभी खुली नहीं बस ज़रा सा नाम चाहिए, कुछ तो ऐसा काम चाहिए हूनर की कदर हो मुझे भी एक मुकाम चाहिए