पानी पर लिखा-प्यार ! प्यार घुलकर ईश्क की चासनी बन गया। अब चासनी से बना-मोहब्बत का मोतीचूर। लोग प्रसाद समझकर हाथ आगे बढाने लगे। मैं मुस्कुराते हुए मोतीचूर बांटने लगा। दिल आज शायर है !!