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मन की गहराइयों में, जाने कितनी बार खोया हूं, भीड़

मन की गहराइयों में,
जाने कितनी बार खोया हूं,
भीड़ में मुस्कुरा के,
अकेले में जाने कितनी बार रोया हूं,
तभी तो भावनाओ में बह जाता हूं,
दिल को छू ले,
अक्सर ऐसी बात कह जाता हूं,

©Dr Vikash Sharma
  जाने कितनी बार रोया हूं

जाने कितनी बार रोया हूं #शायरी

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