किसी shyar ne kaha hai किसी और के humsafar को दिल में बसाया नहीं karte Jis ne tham liya हाथ किसी और का उसके लिए jalaya नहीं करते To mein कहा janab Humsafar को तो दिल में ही बसाया करते है Agar उसकी yaad mei खुद को jalaya नहीं तो उसे pyar नहीं कहते किसी shyar ne kaha hai किसी और के humsafar को दिल में बसाया नहीं karte Jis ne tham liya हाथ किसी और का उसके लिए jalaya नहीं करते To mein कहा janab Humsafar को तो दिल में ही बसाया करते है Agar उसकी yaad mei खुद को jalaya नहीं तो उसे pyar नहीं karte