एक तस्वीर खींचनी है मुझे उन गुजरे लम्हों की, जब भागकर मैं माँ की गोद में समा जाती थी, जहाँ सारी दुनिया आकर सिमट आती थी, भूलकर जिंदगी की सब उलझनें, माँ के 'नेह' में भीगकर सुकून के पल बिताती थी। वर्ल्ड फ़ोटोग्राफी डे की हार्दिक शुभकामनाएँ। हम सभी शब्दों के माध्यम से कोई न कोई तस्वीर खींच रहे हैं। कहीं ख़ुशी की, कहीं ग़म की, कहीं उदासी की, कहीं कामयाबी की, कहीं अपनी तो कहीं दूसरों की। मगर हम सब कोई न कोई तस्वीर खींच रहे हैं। #एकतस्वीर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi