पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद आमतौर पर ट्विटर पर ही अधिक सक्रिय रहे राहुल गांधी आखिरकार एक सार्वजनिक कार्यक्रम में खुलकर बोले दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न विषयों पर विस्तार से अपनी बात रखी लेकिन यह समझना कठिन ही रहा कि कहना क्या चाहते हैं उनकी मानें तो उत्तर प्रदेश में हाल ही के चुनाव में समय कांग्रेस बसपा ने गठबंधन करना चाहती थी लेकिन मायावती ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और यह तब की कोई जवाब ही नहीं दिया राहुल गांधी ने मायावती पर यह आरोप भी माना कि इस बार उन्होंने दलित के लिए आवाज नहीं उठाई क्योंकि वह सीबीआई ईडी से भरी थी मायावती को निशाने पर लेने के पीछे उनका जो भी हो उसे वितरित नहीं किया जा सकता कि वे स्वयं उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए हुए जब चरणों का मतदान हो गया तब ऐसा करके उन्होंने जी जाने अनजाने यह संदेश दिया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की चुनाव की संभावना है इससे और आखिरी यह संदेश देने वाले राहुल मायावती पर निष्क्रिय होने का आरोप लगा सके उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और केवल एक सीट मिली लेकिन शायद अखिलेश यादव की तरह मायावती भी ऐसे जान रही थी कि कांग्रेस का साथ लेने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है ©Ek villain #राहुल गांधी का चिंतन मायावती पर #Love