शब्दों की लड़ियाँ जब जुड़ें तो जुड़ती ही जाए.. और कभी रात बीते ख्यालों में, कागज़ कलम शब्दों की राह तक तक सो जाएँ... कभी रास्ता पार करते करते कुछ शब्द दिमाग में छा जाएँ, कभी ऑफिस में काम के बोझ को चीरकर , शब्द डेस्क पर पड़े नोटपेड में सजने को छटपटाएँ.. कभी आधी रात गए नींद खुल जाए, लिखते लिखते कब ब्रह्ममुहूर्त भी निकल जाए, जो लिखने का शौक न पाले, भला वो कविहृदय की विवशता कैसे समझ पाए .. #कविहृदय #शब्दों_की_बात #विवशता #weirdness #yqdidi