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मन की बेचैनी , बादल का गर्जना । बहते आंसू , बारि

मन की बेचैनी  ,
बादल का गर्जना ।
बहते आंसू  ,
बारिश का आना ।
हम ही नहीं जो ,
दर्द के मारे है ।
प्रकृति में भी आज - कल ,
बिन मोसम बरसाते है ।

©अदृश्य रंग
  #मोसम