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My horation ode poem (नन्हीं किलकारी) मधुर-मुस्क

My horation ode poem

(नन्हीं किलकारी)

मधुर-मुस्कान,अधरों पर गूँजी नन्ही किलकारी,
दिव्यदर्शन पा पिता ने बिटिया की नजर उतारी,

नैनन-निर्झर नीर बहे, खुशियों की मिली सवारी,
मातृपितृ सुख सम्पूर्ण हुआ,आई जो तुम प्यारी,

निर्मल-विमल हृदय तेरा सबकी तू राज दुलारी,
अठखेलियाँ अन्तर्मन को भाये जैसे हो फुलवारी,

दिलकशी नूर सम चेहरा देख करता नवसंचार,
आशाओं की किरनपुंज तुम, तू ही मेरा संसार।
 #PWpoDimo29
A poem writing challenge
🔥 Open for All 🔥

brought to you by Proverbs World ♥️

 Dear poet, poetess! ✨
My horation ode poem

(नन्हीं किलकारी)

मधुर-मुस्कान,अधरों पर गूँजी नन्ही किलकारी,
दिव्यदर्शन पा पिता ने बिटिया की नजर उतारी,

नैनन-निर्झर नीर बहे, खुशियों की मिली सवारी,
मातृपितृ सुख सम्पूर्ण हुआ,आई जो तुम प्यारी,

निर्मल-विमल हृदय तेरा सबकी तू राज दुलारी,
अठखेलियाँ अन्तर्मन को भाये जैसे हो फुलवारी,

दिलकशी नूर सम चेहरा देख करता नवसंचार,
आशाओं की किरनपुंज तुम, तू ही मेरा संसार।
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