कभी कभी इस कदर सोच में डूब जाते है हम हे वर्तमान में तो कभी भविष्य में पहुंच जाते है, पलके झपकी नही तो मानो हम लौट कर ना आते है, ये सोच की भी कुछ अलग ही सोच है आज में क्या और कल मैं क्या बतला जाते है, जब तक सर मैं दर्द ना हो, ऐसे चार बातो में उलझा जाते है। #३६५/२#सोच