उसकी याद में खुद को रुलाये बैठा हूँ, उसके प्यार में खुद से ही बहुत कुछ छुपाये बैठा हूँ, अब पहले जैसा दर्द नहीं होता इस सीने में क्योंकि अब तेरी यादों का मरहम लगाए बैठा हुँ... Pratiksha Rajavat