ये झुठी दलील क्यों, ये झुठी तकरीर क्यों, जब हैं लूली लंगड़ी अंधी बहरी कानून व्यवस्था इस देश की, फिर उम्मीद कैसी इंतज़ार क्यों, माना की सबूतो का पिटारा बड़ा हैं, लेकिन वो देखो सामने निरंकुश हैवानो को बचाने लाख पैतरे लिए चंद पैसो के लिए हममें से ही कोई साथ उसके खड़ा हैं, क्या फर्क पड़ता है उनको कौन सी उनकी बहन बेटी पर विपदा आन पड़ी हैं, बहन बेटी हमारी थी चिखेंगे चिल्लायेंगें, जब तक नहीं मिलता इंसाफ हम तो चित्कार मचायेंगे, फिर ये झुठी दलील क्यों, ये झुठी तकरीर क्यों, जब हैं लूली लंगड़ी अंधी बहरी कानून व्यवस्था इस देश की, फिर उम्मीद कैसी इंतज़ार क्यों? ©फक्कड़ मिज़ाज अनपढ़ कवि सिन्टु तिवारी #Insaaf_kab_milega लूली लंगड़ी अंधी बहरी #कानून_व्यवस्था इस देश की #nojotoapp #nojotohindi #thought #poetry