स्तब्ध हूँ, निःशब्द हूँ क्या कहूँ, कैसे कहूँ... फिर हुए कई टुकड़े,लाल हुई जमीन ये हैवान तो चिर लेते है आत्मा, ना सिर्फ शरीर। हुआ होगा ईश्वर को बड़ा पछतावा उन हैवानों को क्यूं,मैंने मानव बनाया। किस कौम की बात करूँ, किस बात पर यकीन करूँ। जानकर क्षुब्ध हूँ, निःशब्द हूँ क्या कहूँ ,कैसे कहूँ...... ©Gagan #MurderOfHumanity #Murder