लब्ज ए आमीन होता नही अदा जब शर्त मोहब्बत की हो और सिला वफ़ा का हो याद आ जाता है, वही पुराना ख्वाब यार कोई हो ,ओर याद कोई हो #मुकद्दस अल्फाज ©Ak sheikh #intimacy