White मेरे देश में हैं भेष कई सभी के मन में हैं द्वेष कई, मेहनत करता यहां किसान है, अपनों से बिछड़ता हर इंसान है, स्मार्ट होने का यह युग है, लोग कहते हैं यही तो कलियुग है, धर्म का यहां शोर है, भर्म का न कोई तोड़ है, खैर समझाने के हम हकदार नहीं, अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं, खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है, देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है समेटने को यहां यादें भी है, भूल जाने वाले वादे भी है। फिर भी देश यह हसीन है। ©Ajay Garg #quit_india_movement #मेरादेश #भारत #भारत🇮🇳 #किसान_का_सम्मान_करो