तड़प की तपन में झुलसते जा रहे है अश्को को थाम कर,कालेज दबाएँ जा रहे है यु तो तक़दीर से तुझे छिनने का हक़ नाज़िम हम भी रखते है पर तेरी मुश्कुराहट के आगे,झुकने का दाम हम भी रखते है । #तड़प #तपन #झुलसना #मुश्कुराहट #khnazim