जलकर राख हुवा , पर राख में सुलग रहा हूं मै, बारिश में सोया, तुफां मे भडक उठा हूं मैं, अंगारो से चिंगारियों सा निकलूंगा, बनके लपटो सा तुमको जलाऊंगा, मेरे वतन को बेचने वालो अब रुक जाओ, युवा शेरों के दिलों की , आवाज़ बनकर बोल रहा हूं मै। #शहिद भगत सिंग ©VJVJ #Shaheedi_diwas