ख़्वाबों की बस्ती में यादों की कश्ती में सपना सुनहरा है जादू ये गहरा है छाई ख़ुमारी है खुशियों की बारी है आ जाओ संग मेरे खुशियाँ कितनी सारी हैं एक उम्र काटी है एक उम्र बितानी है अब तेरी पनाहों में रुठी किस्मत मनानी है... © abhishek trehan ♥️ Challenge-571 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।