नजर न लगने पाए किसी की दिल को, इसलिए दुनियाँ की नजरों से बचा के रखा था, तोड़ ना दे मेरे नादान दिल को कोई, इसलिए सबकी नजरों से हमने छुपा के रखा था। जाने कैसे लग गई नजर जमाने की दिल को, भाने लगा कोई दिल को हौले हौले, बिन सोचे दे दिया दिल उसको शायद उसी के लिए दिल को संभाल के रखा था। बेकरार रहता है मेरा दिल हमेशा, सनम को दिल देने के बाद जैसे करार आ गया, उससे पहले कोई कभी न भाया, जैसे खुदा ने दिल पे उसी का नाम लिख के रखा था। 🌀A challenge by Collab Zone🌟 ✔️समय - 8 May शाम 5 बजे तक ✔️ 4-6 पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है । ✔️Collab करने के बाद कमेंट में done लिखना है । वरना हमारी नजरों से आपकी रचना छूट सकती हैं ।