खून कि आहे भर वो चले गए हम सब के लिए अपनी जान दाओ पे लगा गए नहीं था कोई खून का रिश्ता , उनका हमसे बस इस मिट्टी को बचाने के लिए अपनी जान दे गए कोई इन्सान नहीं कर सकता ये बलिदान ये तो फरिश्ते थे , जो अपने लिए नहीं दूसरो के लिए जीते थे ये वही है जो हमारे लिए मर मिटते थे ये वही है जो हमारे लिए मर मिटते थे Happy Kargil Vijay Diwas