किस गफलत में हैं प्रभु! जब बिना ईश्वर के इजाजत के पत्ता तक नहीं हिल सकता तो कोई लाख चाहकर भी किसी भी धर्म को पूरी दुनियाँ का एकमात्र धर्म नहीं बना सकता। आज जरूरत डरने या डराने की नहीं है बल्कि यह समझने की है कि हमारे जीवन का अंतिम उद्देश्य क्या है? धरती पर बहुत-सी सभ्यताओं ने जन्म लिया, विकास किया और अंततः जमींदोज़ हो गए। कभी हमारा भी समान हस्र ही होगा। मानव न धरती पर सदा से था और न यह सदा ही रहेगा। प्रकृति जिसे जन्म देती है उसका अंत भी निश्चित है। मैं भविष्य के उस समय की कल्पना कर सकता हूँ जब धरती मानवरहित (जनशून्य ) हो जाएगी और तब न कोई धर्म रहेगा और न धर्म के नाम पर कोई लड़ने वाला। #thetruthoftheworld #whatisthetruth #livehappily #religionpolitics #dirtymind