साजन साजन करके बोला तेरी नथनी का कोका, बचके रहना बाबूजी मालिकिनी देंगी धौखा।। साजन साजन ओ मोरे साजन, साजन साजन सा....जन।। कोके ने मुझसे ये तक बोला चाल कसूती चलती है, तेरे जैसे आशिक़ को चोटी में बांधकर रखती। बीमार हुई है मम्मी जी मांगेगी पैसा मोटा, बचके रहना बाबूजी मालिकिनी देंगी धौखा।। साजन साजन ओ मोरे साजन, साजन साजन सा.....जन।। हर आशिक़ के साथ नाम हर बार नया ही बदलता है, जैसे कोई गिरगिट दिन में हर रंग रूप में ढलता है।। वैसे ही धंधा इनका चलता है चलता रहता है चौखा, बचके रहना बाबूजी मालिकिनी देंगी धौखा।। साजन साजन ओ मोरे साजन, साजन साजन साजन ©दिनेश भारत साजन साजन करके बोला तेरी नथनी का कोका, बचके रहना बाबूजी मालिकिनी देंगी धौखा।। साजन साजन ओ मोरे साजन, साजन साजन सा....जन।। कोके ने मुझसे ये तक बोला चाल कसूती चलती है, तेरे जैसे आशिक़ को चोटी में बांधकर रखती। बीमार हुई है मम्मी जी मांगेगी पैसा मोटा,