इकतरफा इश्क हुआ जाता इस से सोच मैं घबराता हूं। कभी शहद से मीठे रिश्तों में मैं नीम नीम हो जाता हूं बस अपनों की इस चाहत में बेगाना सा बन जाता हूं। इकतरफा..... कच्ची मन की दीवारों का हर रोज दरकना वाजिब है मौसमी तकाजों से घिरकर मैं टूट बिखर भी जाता हूं इकतरफा इश्क... बागी हो गये सपने सारे अब नींद की खैर मनाएं क्या रातों का जिक्र हुआ जब भी मैं नजरें सबसे चुराता हूं इकतरफा इश्क.... अदना सी शख्शियत है मेरी मामूली सा दिख पाता हूं हीरे जैसा दिल रखकर कौड़ी में भी बिक जाता हूं। इकतरफा इश्क..... प्रीति #इकतरफ़ा_इश्क़ #yqdidiquotes