#nojotoworld#nojotofanclub#nojotowritings#nojotoworld#मिस्ड कॉल का इतिहास#
ये वो ज़माना था जब बाज़ार में "मोबाइल-सिम 999/-" रुपये का मिला करता था। सारी जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही थी। दूरसंचार/दूरभाष के क्षेत्र में उचित क्राँति उस समय तक वैसी नहीं आई थी। कुछ प्रीमियम-तबके के लोगों के घरों में "नोकिया" का फोन और वही "999/-" का सिम हुआ करता था। रिचार्ज के नाम पे लोग कूपन का इस्तेमाल किया करते थे।। जी हाँ, वही कूपन जिसे सिक्के की मदद से लोग उसके अंदर छिपा सीरियल नंबर को अपने मोबाइल में "#" दबा कर फॉलो करते थे। कुछ चुनिंदे लोग "फुल टॉकटाइम" की और रुख़ करते थे।। पर जहाँ तक "मिस्ड कॉल" की बात है, तो ये वही कूपन वाले लोग अक्सर किया करते थे, पर कभी-कभी कॉल रेट अधिक होने की वज़ह से अपने फुल टॉकटाइम वाले तबके के लोग भी "मिस्ड कॉल" मार दिया करते थे।। और कई क्षेत्रों में तो एक भोजपुरी गाना "मिस-कॉल मारा तानी....................का हो!!!" बड़ा फेमस हुआ था। हो-ना-हो, उस मिस-कॉल वाले ज़माने की भी बात निराली थी, और अबतो क्रांति आ गयी है! क्रांति!!