कुछ दूर हम भी साथ चलते है,, वक़्त की इस धूप मे साथ तेरा चाहिए यहाँ उम्मीदों को पूरा करते, वक़्त निकलता गया, न वक़्त हाथ आया न लोग काम आये,, मतलब जिसका जितना था वो ठहरते गए निकलते गए.. ज़िन्दगी यू न मुझसे फेर नज़रे यहाँ ज़िन्दगी नज़ारे का कम नज़रिया से परखा जाता है कब तक रूठें रहेगी मुझसे कुछ दूर मेरे साथ तो चल ज़िन्दगी ठहर जा, हम भी तेरे साथी है.. ज़िन्दगी ठहर जा ना, हम भी तेरे साथी हैं। #ठहरजाज़िन्दगी #collab #cinemagraph #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #सुचितापाण्डेय #suchitapandey ज़िन्दगी ठहर जा, हम भी तेरे साथी है. कुछ दूर हम भी साथ चलते है,, वक़्त की इस धूप मे साथ तेरा चाहिए