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अशीष अवस्थी उर्फ 'ख़ाक' साहब, मेरे परम मित्र और अन

अशीष अवस्थी उर्फ 'ख़ाक' साहब, मेरे परम मित्र और अनुज और मेरे सबसे चहेते लेखक/कवी हैं। और इसिलिए चहेते नहीं हैं कि वो मेरे मित्र हैं पर इसलिये चहेते हैं क्यूँकी वो एक ग़ज़ब के इंसान और कवी हैं। हिंदी और उर्दू पर इनकी पकड़ बस देखते ही बनती है। इनकी ग़ज़लों का कोई ज़वाब नहीं है और नि:संदेह ये योरकोट पर सबसे बेहतरीन कवियों में गिने जाते हैं। इनकी जो सबसे खास बात है, वो ये है कि इतना हुनर के बावज़ूद ये बहुत ही ज़मीन से जुड़े हुये शख़्स हैं। ना तो तारीफों से फूलते हैं और ना ही क्रिटिसिज्म से हताश होते हैं। 'सब बढ़िया है' के सिद्धांत पर चलने वाले ख़ाक साहब हर परिस्थिती में बस मुस्कुराते रहते हैं।

महाभारत के गीतोपदेश प्रसंग पर लिखी इनकी कविता आज भी मेरी सबसे पसंदीदा रचनाओं में से एक है। और इनकी 'मियाँ तुम' और 'क्या होना चाहिये' वाली सिरीज़ जिन में कई सारे शेर हैं वो तो बस क़हर ही है। चाहे मातृत्व पर लिखना हो, चाहे वीररस हो, चाहे सौंदर्यवर्णन हो चाहे देशभक्ती हो या फिर फिर कोई सामाजिक विषय पर लिखना हो, हर विषय में माहिर है इनकी कलम।

आज 'इकराश़' जो भी है और जिस मुकाम पर है लेखन के क्षेत्र में, उसमे इनका बहुत बड़ा योगदान है। मेरे समिक्षक भी हैं, मेरी लेखनी को सुधारने वाले भी यही हैं और मुझसे छोटे होने के बावज़ूद बड़ी बेबाकी से सत्य का आईना दिखाने वाले भी यहीं हैं।

एक किताब कम पड़ जाये ऐसे हैं अशीष जी। Dedicating a #testimonial to My Best Friend and Most Favourite Writer Ashish Awasthi..

#YqBaba #YqDidi #testimonial #खाकसार #friendship #brother
अशीष अवस्थी उर्फ 'ख़ाक' साहब, मेरे परम मित्र और अनुज और मेरे सबसे चहेते लेखक/कवी हैं। और इसिलिए चहेते नहीं हैं कि वो मेरे मित्र हैं पर इसलिये चहेते हैं क्यूँकी वो एक ग़ज़ब के इंसान और कवी हैं। हिंदी और उर्दू पर इनकी पकड़ बस देखते ही बनती है। इनकी ग़ज़लों का कोई ज़वाब नहीं है और नि:संदेह ये योरकोट पर सबसे बेहतरीन कवियों में गिने जाते हैं। इनकी जो सबसे खास बात है, वो ये है कि इतना हुनर के बावज़ूद ये बहुत ही ज़मीन से जुड़े हुये शख़्स हैं। ना तो तारीफों से फूलते हैं और ना ही क्रिटिसिज्म से हताश होते हैं। 'सब बढ़िया है' के सिद्धांत पर चलने वाले ख़ाक साहब हर परिस्थिती में बस मुस्कुराते रहते हैं।

महाभारत के गीतोपदेश प्रसंग पर लिखी इनकी कविता आज भी मेरी सबसे पसंदीदा रचनाओं में से एक है। और इनकी 'मियाँ तुम' और 'क्या होना चाहिये' वाली सिरीज़ जिन में कई सारे शेर हैं वो तो बस क़हर ही है। चाहे मातृत्व पर लिखना हो, चाहे वीररस हो, चाहे सौंदर्यवर्णन हो चाहे देशभक्ती हो या फिर फिर कोई सामाजिक विषय पर लिखना हो, हर विषय में माहिर है इनकी कलम।

आज 'इकराश़' जो भी है और जिस मुकाम पर है लेखन के क्षेत्र में, उसमे इनका बहुत बड़ा योगदान है। मेरे समिक्षक भी हैं, मेरी लेखनी को सुधारने वाले भी यही हैं और मुझसे छोटे होने के बावज़ूद बड़ी बेबाकी से सत्य का आईना दिखाने वाले भी यहीं हैं।

एक किताब कम पड़ जाये ऐसे हैं अशीष जी। Dedicating a #testimonial to My Best Friend and Most Favourite Writer Ashish Awasthi..

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