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मेरी अनकही व्यक्त-अव्यक्त अनूठी दुनियां तुम हो। फ़

मेरी अनकही व्यक्त-अव्यक्त अनूठी दुनियां तुम हो।
फ़िजां में जो रंग है उस गुलिस्तां की ख़ुशबू तुम हो।।
हमारी हर धड़कन पर बस ज़िक्र ए फ़िक्र है तुम्हारा।
कैसे बतायें की हर सांस में समायी ज़रूरत हो तुम।।
मेरे हो कह देने भर से कोई हमसफ़र नहीं हो जाता।
हमने जिया है तभी तो #प्रियम के हरपल में हो तुम।।

©Sudhir Sky
  #Kaarya