लाखों की भीड़ मैं करोडों का हिसाब लगा लिया दिया जिसने दर्द हमें उसको गले से लगा लिया वो मरहम का नाम देकर जख्म देता रहा एक हम थे जिसनें खुदा समझ कर उसको अपने दिल मैं बसा लिया कार्तिक ।।जी pratibhaakaar #सब_कुछ_बैसा #दिखाई_नहीं_देता_जैसी_तमन्ना_दिल_मैं #बसा_के_लाया_हूँ #कार्तिक_जी