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"बस एक चाँद ही गवाह था मेरी बेगुनाही का, पता नही ?

"बस एक चाँद ही गवाह था मेरी बेगुनाही का,
पता नही ? आज -कल वो भी मुझसे खपा-खपा सा रहता है।"
"बस एक चाँद ही गवाह था मेरी बेगुनाही का,
पता नही ? आज -कल वो भी मुझसे खपा-खपा सा रहता है।"