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स्वार्थ निहित है मेरा, मेरे कर्मों में😊😊😊 शेष अ

स्वार्थ निहित है मेरा,
मेरे कर्मों में😊😊😊
शेष अनुशीर्षक में...
 कौन खुश नहीं रहना चाहता है?
मेरा मन भी तो यही चाहता है
मन खुश होता है मेरा खुशी दे कर,
जो भी मिले उसे खुश देखना चाहता है,
इसी स्वार्थ से बंधा मैं ये सब करता हूं
सब अपने हैं इसीलिए सबसे प्रेम करता हूं😍 
Pankaj Dayani
स्वार्थ निहित है मेरा,
मेरे कर्मों में😊😊😊
शेष अनुशीर्षक में...
 कौन खुश नहीं रहना चाहता है?
मेरा मन भी तो यही चाहता है
मन खुश होता है मेरा खुशी दे कर,
जो भी मिले उसे खुश देखना चाहता है,
इसी स्वार्थ से बंधा मैं ये सब करता हूं
सब अपने हैं इसीलिए सबसे प्रेम करता हूं😍 
Pankaj Dayani