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उन बेबाक अल्हड़पन से भरे ज़िंदगी को फिर से जीना चा

उन बेबाक अल्हड़पन से भरे ज़िंदगी को फिर से जीना चाहती हूं वो बेखुमारी भरी और नादान भरी जिंदगी फिर से जीना चाहती हूं ना कोई फिक्र ना कोई चिंता होती थी बस मन माना बदमाशी और नटखटपन होता था कितना सुकून और शांति होता था वो ना समझ और नादान वाला जीवन को कोई फिर से लौटा दो।।

©गुमनाम शायर
  #वो बेबाकपन को लौटा दो

वो बेबाकपन को लौटा दो #ज़िन्दगी

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