Nojoto: Largest Storytelling Platform

लम्हा -लम्हा :- लम्हा लम्हा जिंदगी शाम सी ढ़ल रही

लम्हा -लम्हा :-

लम्हा लम्हा जिंदगी शाम सी ढ़ल रही है, 
आजमाईश की तपिश से पिघल रही है।

आशा और निराशा आते है बारी-बारी,
 जीवन की लौ भी धीरे-धीरे जल रही है।

भला-बुरा कुछ भी नहीं अपने हाथ यारों, 
बस ईश्वर के भरोसे पर साँसे चल रहीं है ।

सफर जिस्त का तन्हा नहीं होता आसां,
 फिर भी ये तन्हाइयां न हमें खल रही है।

उमर गुजारी सारी खिदमतगारी मे हमनें,
 ये तनुजा खुद को अंगारों मे बदल रही है।

©Archana Tiwari Tanuja
  #लम्हा_लम्हा #lamha_lamha
#selfrespect #womensrights 
#humenity #nozotohindi 
#nozotoEnglish #nozotofamily 
#MyThoughts #nozotowrites 
24/02/2023