उठ गई मेरी कलम सुन माँओं की चींखें लाल छिन गया जिनका कोई माँगे पति की भीखें। हाँ, चल पड़ी मेरी कलम जब याद आया किसी का साया उठ गया जो उनसे जिनको अभी तक हाथ न लगाया। थम गई मेरी कलम जब याद आई वो थाली, कलावे, टीके से जो थी भरी अब रहेगी खाली। गिर गई मेरी कलम जब वो टूट गया जिसने अभी तक था सब संभाला आँसू की नदियों में फूट गया । -@m_hidden_01 #loads_of_feelings #pulwama_attack #14February #black_day #real_heroes