वो खिल गयी है, क्योंकि उसके पिया आने वाले है। वो झूम रही है, क्योंकि उसके पिया आने वाले है। घर में खुशियों के दीप जलाने वाले हैं। उसके पिया आने वाले हैं। आँखों मे मोहब्बत, दिल में बहार लाने वाले हैं। उसके लिए दुनिया भर की खुशियां तमाम लाने वाले हैं। वो मतवाली हो गई है, क्योंकि उसके पिया आने वाले हैं। ना सोती है चैन से, ना चैन से जागती है। बस अपने पिया के इंतजार में सारा दिन राह निहारती है। वो पगली हो गई है, क्योकि उसके पिया आने वाले हैं। हाथों में फूल लेकर, बिस्तर को सजाती है। आँखों में सपने लेकर, रातों को जगाती है। वो दीवानी हो गई है,क्योंकि उसके पिया आने वाले हैं। सोचती है कैसे प्यार करूँगी। कैसे अपने पिया से इजहार करूँगी। याद में पिया के, नैनों को भिगोती है। वो मारे शर्म की पानी हो गई है, क्योंकि उसके पिया आने वाले है। भर के उसको बाहों में, सीने से लगाने वाले हैं। छूकर उसके माथे को, हाथों से सहलाने वाले हैं। वो बावली हो गई है, क्योंकि उसके पिया आने वाले हैं। घर में खुशियों के दीप जलाने वाले हैं। उसके पिया आने वाले हैं। संजीव पाण्डेय दिनेश भारत