हर आँखों में आँसू, दिल में फक्र कि रवानी है, जो हुसैन तक न जा सका , बदनसीब वो तालाब का पानी है, लोगो क्या गमफिजा वो कर्बला की शहादत की कहानी है, नेजे कि नोक पर अपना सर न झुकाया, नाना जान से किया वादा , आखिर साँस तक निभाया, कैसे झुका दे सर , किसी जालीम के सामने, हजरते हुसैन का सज्दा दे गया सर उठा के जीने की जिन्दगानी है, हर आँख मे आँसू और , दिल में फक्र कि रवानी है,