शीर्षक- छोटे शहर से हूँ
हां, तो मैं छोटे शहर से हूँ,
वहाँ अभी भी ढंग का कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है
लैंडलाइन है, जो आज भी बजता है तो
भाइयों में दौड़ लग जाती है उसे पहले उठा कर
स्टाइल में हेलो बोल कर
मुँह पर हाथ रख मुस्कुराने की....
माँ किचन से हाथ पोछती हुई निकलती है #RDV18