सागर: ऐसे घूर के क्यों देख रही हो। गंगा: तुम तो कहते थे, साथ जीएंगे ,साथ मरेंगे। सागर : हां तो, गंगा: आज मेरा व्रत था और तुमने कहा था, मेरे साथ भूखे भी रहोगे। सागर: हां तो!...… घूर क्यों रही हो। गंगा: रसोईघर में जाकर, चोरी-चोरी क्या खाकर आए हो। सागर: ओह, तुम्हें कैसे पता। गंगा: मुंह देखो!.....अपना!.....झूठे कहीं के!....... आपका आज का चैलेंज है गंगा धारावाहिक के गंगा और सागर के बीच का। आपको इनके बीच हास्य संवाद लिखना है। 🎀 आपको रोज 4:00 से 5:00 के बीच में एक चित्र मिलेगा जो की किसी फिल्म या धारावाहिक का होगा। 🎀 आपको इसके लिए प्रशस्ति पत्र मिलेगा, जिसने सबसे ज्यादा मजेदार संवाद लिखा होगा। 🎀 समय सीमा: कल 3:00 बजे तक होगी