हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।१। कौन सो पाप कियो है प्रभू जी। जो इतना दुख सब पाय रहे हैं।२। दीनन की आय सहाय करो भगवन । कभो इत, कभो उत धाय रहे हैं।३। हे शंकर भोले नाथ सुनो। अधीर होत जाय रहे हैं।४। देर बहुत हुई जाय रही है । मोसो न रूठो तुम भगवंता।५। हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता। विद्रोही आन पड़ा है चरण तिहारो । चलो तुम मोरे साथ तुरंता ।६। मेरे सर पर अपने हाथ धरो । नन्दीगण को ले साथ बढ़ो ।७ हे कैलाशी सुनो तोहरे बिन। सबको घेरे जाय व्याकुलता ।8। देवन के तुम देव महाप्रभु । काम लोभ मोह अरु विकार के हंता।९। दुष्ट संघारण को शोक निवारण को । चाहे बनो वीरभद्र तुम चाहे बनो तुम हनुमन्ता।१०। हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । #NojotoQuote हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।१। कौन सो पाप कियो है प्रभू जी। जो इतना दुख सब पाय रहे हैं।२। दीनन की आय सहाय करो भगवन । कभो इत, कभो उत धाय रहे हैं।३। हे शंकर भोले नाथ सुनो। अधीर होत जाय रहे हैं।४।