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ज़रा आवाज़ दो प्यासी पड़ी ख़ामोशियाँ मेरी रही लिपटी

ज़रा  आवाज़ दो  प्यासी पड़ी  ख़ामोशियाँ मेरी
रही लिपटी  मुझी से  आज भी  तनहाइयाँ मेरी !

रहे थे साथ साया की तरह सब महफ़िलों में वो
सिसकती रह गयी तन्हा  अभी रुसवाईयाँ मेरी !

©malay_28 #ख़ामोशियाँ
ज़रा  आवाज़ दो  प्यासी पड़ी  ख़ामोशियाँ मेरी
रही लिपटी  मुझी से  आज भी  तनहाइयाँ मेरी !

रहे थे साथ साया की तरह सब महफ़िलों में वो
सिसकती रह गयी तन्हा  अभी रुसवाईयाँ मेरी !

©malay_28 #ख़ामोशियाँ
malay285956

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