न करना कभी तुम एतराज, कभी लिखता हूं, अपने होशो हवास में, कभी लिखता हूं, उन सपनों की आश में, न सोचा मैंने, कभी किसी को ठेस पहुंचाना, पर अगर पहुंची हो, तो चाहता हूं क्षमा, उसी अंदाज में।। ©Kalamkar #SORRY❤️