हम पढ़े लिखे थोड़े कम है इसलिए जीवन मे मिर्च मसाले थोड़े कम है पर उपर वाले का कर्म है दुआ मे उससे मांगते रहम है ए मेरे खुदा अपनी इनायत बनाए रखना मेरे अंदर इंसानियत बचाए रखना सीने मे जो जख्म है उनको इस जग से छुपाए रखना दिखा के किसी को करना क्या साहब ये जमाना बड़ा बेरहम है लिखने के मामले मे थोड़े बेशर्म है क्योंकि यही तो साला अपना धर्म है काजी हो या पुजारी इनसे बचाए रखना क्योंकि बाबा इनके पास तो धर्म की स्टैंप है अपना तो जात पात का किस्सा ही खत्म है देख के मजबूर को इस #अंजान# की आँखें भी नम है...... #निखिल_कुमार_अंजान...... #निखिल_कुमार_अंजान..... मेरी_डायरी..... #nojoto......