ऐ चाँद! तुम सो रहे हो? अमावस छाया है देखो मेरे मन मे और तुम ख्वाबों मे खोए हुए हो! बेहद अकेला पड़ गया हूँ आज - समेटलो मुझे अपनी सीतल बाहों मे, भरलो मुझे अपनी ठंडी आहों मे, यूँ रूठकर मुझसे तुम मुह ना मोड़ो तन्हा हूँ मैं आज साथ ना छोड़ो खोलो ज़रा आँखें अपनी एक दफा तो देखो मुझे, हो जाता हूँ मैं मुक्त तकलीफोंसे छू लेती है जब तेरी चाँदनी मुझे!! रात में बातें करने के लिए जब कोई नहीं होता है पास ऐसे में चाँद से अच्छा दोस्त कौन हो सकता है मगर कभी-कभी उसको भी नींद आ जाती है। उसे उठाइए, बातों के लिए मनाइए #चाँद #collab