एक ख्वाब जो मुझे सोने नहीं देता, खुलकर ये ज़माना रोने भी नहीं देता, भुलाकर उसे चंद ख्वाब सजाना चाहा, उसका ख्याल मुझे किसी और का, होने भी नहीं देता, कुश गुप्ता Khayal Kisi aur Ka hone bhi Nahi deta, #shayri #Hindi