.. राह छांव को रुकती नहीं छांव राह संग चलती नहीं, सांस धड़कन सी जुगलबंदी नहीं, हवाओं सी जुस्तजू के नशेमन नहीं तरस को ठहराव मिले नहीं उम्र गुज़र पे सही ग़ुज़ारने भर को नहीं..! ..🌱खुशामदीद..💞 अच्छा अक्सर कम, धीमा, धुंधला सा होता है! २०१८ में लिखी थी।