सुकून की तलाश में दर ब दर भटकते रहे.. जब लगी हो आग ख़ुद के सीने में तो क्यूं, पानी के लिए किसी और चौखट पर बैठे रहे। सुकून की तलाश में दर ब दर भटकते रहे.. जब अपना ही दम घुटता रहा तब क्यूं, तुम अजनबी हवाओं से रिश्ता निभाता रहे। सुकून की तलाश में दर ब दर भटकते रहे.. जो रात की काली चादर तुमने ओढ़ रखी है, क्यूं सुबह की धूप की आशायें मन में जगाये रहे। सुकून की तलाश में दर ब दर भटकते रहे.. जो दर्द मजबूर आंखों में गीले सूखे आंसुओं में हैं, क्यूं चंद खुशियां को पाने किसी और महफ़िल में जाते रहे। क्यूं सुकून की तलाश में दर ब दर भटकते रहे..!! _ShwetaMishra #Dilkibaatein #mydiaryfeelings #shwetamishra #MichaelJackson Nalini Mishra