हर बात पर बेवजह शब्दों का लड़खड़ाना अपनी ख्वाहिशों को खुद से ही न कह पाना.. दूर तलक जाना और बिना ठेहरे, यक ब यक लौट आना.. हर वक्त उकताए हुए रहना, खामखां बड़बड़ाना.. फिर ये सोच कर सम्भलना, कि क्या कहेगा ये ज़माना..!! - गौरव सिन्हा #nojoto #hindipoetry #random #feelings