यां मेधां देवगणाः पितृश्चोपासते। तया मामद्य मेधयाअग्ने मेधाविनं कुरु स्वाहा।। (यजुर्वेद अ.- 32 मंत्र-14) जिस बुद्धि की उपासना देवता और हमारे पूर्वजों ने की है उसी ज्ञानरूप अग्नि को हमें देकर मुझे विद्वान बनाओ। तेजोअसि तेजो मयि धेहि।वीर्यमसि वीर्यं मयि धेहि। बलमसि बलं मयि धेहि।ओजोअस्योजो मयि धेहि। मन्युरसि मन्युं मयि धेहि।सहोअसि सहो मयि धेहि। यजुर्वेद अ. 19 मन्त्र- 9 : हे तेजस्वरूप मुझे तेजस्वी बनाओ। हे परम् पराक्रमी मुझे भी पराक्रमी बनाओ।